Tuesday, 25 July 2017

ऐसी भी क्या आदत है।


आसिम खाँन : 
चुप चुप रहना कुछ ना कहना, ऐसी भी क्या आदत है।
तन्हा दिल का बोझ उठाना, ऐसी भी क्या आदत है।।

जाने वाले जाते है तो लौट कर कब आते है।
याद में उनकी अश्क बहाना, ऐसी भी क्या आदत है।।

खुशबू जिनसे रूठ गई हो, रंग भी जिनका फीका हो।
ऐसे फूलों को घर में सजाना, ऐसी भी क्या आदत है।।

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