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क्या लिखना चाहता है ये कवि ?
MAYANK BOKOLIA मैं कविता लिखना चाहता हूँ "आज़ादी पर" कोरे कागज़ पर कलम रख उकेरना चाहता हूँ वो सब जो मैं जी रहा हूँ वो सब जो...
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लेखक: भास्कर त्रिपाठी उसे अईलाइनर पसंद था मुझे काजल. वो फ्रेंच टोस्ट और कॉफ़ी पे मरती थी और मैं अदरक की चाय पे. उसे नाईट क्लब्स प...
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وہ خیال آیا تو ہر لمحہ دیوانہ ہو گیا موسم تنہای پھر کتنا سہانہ ہو گیا۔ वो ख्याल आया तो हर लम्हा दिवाना हो गया मौसम ए तन्हाई फिर कितना सु...
Asim Sir ki behtreen poem, i loved it
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