Tuesday 1 August 2017

खिलौना


बीच बाज़ार 
खिलौने वाले 
के खिलौने 
की आवाज़ से 
आकर्षित हो 
कदम उसकी 
तरफ बढ़े,
मैंने छुआ,
सहलाया उन्हें 
व एक खिलौने 
को अंक में भरा
कि पीछे से कर्कष 
आवाज़ ने मुझे 
झंझोड़ा 
‘‘तुम्हारी बच्चों की सी 
हरकतें कब खत्म होंगी!’’
सुनकर मेरा नन्हा बच्चा 
सहम सा गया 
मेरी प्रौढ़ देह के अन्दर।

- शबनम शर्मा

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