Saturday, 22 July 2017

रात आ जाए तो फिर

रात आ जाए तो फिर तुझ को पुकारूँ या-रब ।
मेरी आवाज़ उजाले में बिखर जाती है ।।

- साभार

2 comments:

  1. शुक्रिया डॉक्टर साहब :-)

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